बाजार से जो नमक हम खा रहे हैं उसमे तीन से चार माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो कि हमारे शरीर के लिए पर्याप्त नहीं है इसलिए शरीर में प्रॉब्लम्स बढ़ रहे हैं आप जितना यह नमक खाएंगे उतना ज्यादा शरीर का बीपी बढ़ेगा हम जो खाना खाते हैं उसमें आयोडीन की भरपाई हो जाती है अलग से आयोडीन युक्त नमक खाने की आवश्यकता नहीं .
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ऊपर से शरीर में आयोडीन की मात्रा बढ़ जाने से पुरुषों में स्पर्म तथा महिलाओं में ओवुलेशन भी घट रही है जिससे संतान ना होने की बीमारी चारों ओर से फैल गई है और सभी आईवीएफ को पीछे दौड़ रहे हैं .एक तरफ से आप बता सकते हैं कि भारत की जनसंख्या को रोकने के लिए नमक का इस्तेमाल किया जा रहा है.आपको जानकर हैरानी होगी कि जर्मनी ,फ्रांस ,जापान , अमेरिका जैसे विकसित देश भी 20 साल से नमक वहां पर बैन किया गया है.
खुद प्रयोग करें आप ,अगर नमक को हवा में खुला छोड़ देंगे तो नमी पकड़ लेगी तो जो नमक हम खा रहे हैं उसमें फ्री फ्लो कैसे हो रहा है जी हां एलुमिनियम सिलीकेट जो कि एक खतरनाक केमिकल है उसे इस नमक में मिलाकर नमक की नमी को निकाला जा रहा है इस अल्युमिनियम सिलीकेट से दमा अस्थमा लंग इन्फेक्शन तथा टीवी जैसे खतरनाक बीमारी हो सकती है.
इस नमक को बनाने का खर्चा नहीं के बराबर लगभग 30 पैसा पर केजी लेकिन यही नमक हम बाजार से ₹10 ,₹20 किलो के भाव से खरीद रहे हैं . बड़ी कंपनियां तो कमा रहे हैं पर हम भारत के आम नागरिक है लेकिन अपना विचार तो सबके साथ बांट सकते ही है ना
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अगर हम इस सफेद नमक के जगह में काले नमक का इस्तेमाल करें जो कि गॉड गिफ्टेड है तथा नेचुरल है और जिसमें 94 माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं तो यह हम सबके लिए अच्छा रहेगा तथा स्वास्थ्य के लिए भी ठीक रहेगा, कोई साइड इफेक्ट भी नहीं रहेगी
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